अरब स्प्रिंग का जिक्र होते ही सबसे पहले काइरो का तहरीर स्क्वायर याद आता है—मिस्र की वो ऐतिहासिक जगह, जो विरोध प्रदर्शनों का केंद्र बन गई. दो हफ्तों तक लोगों ने यहां डटे रहकर होस्नी मुबारक की सत्ता के अंत की मांग की,11 फरवरी 2011 को मुबारक को सत्ता छोड़नी पड़ी और ये जगह आजादी और विरोध का प्रतीक बन गई और कई देशों की सरकारें बदल गईं, क्या है ये 'अरब स्प्रिंग' सुनिए ज्ञान ध्यान में.
प्रोड्यूसर- कुंदन
साउंड मिक्स- नितिन रावत
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सूरज की चमक को मात देगा ISRO का Proba-3 Mission?: ज्ञान ध्यान