अंग्रेज़ों ने हिंदुस्तान में बिज़नेस करने की नीयत से कब्ज़ा किया था. फिर व्यापार करने लगे तो ऐसे करने लगे कि भारतीयों की सब राह रोक दी. शिपिंग का बिज़नेस भी ऐसा ही था जहां गोरों ने तय कर लिया कि किसी हिंदुस्तानी को टिकने नहीं देंगे. टैगोर से लेकर टाटा तक ने कोशिशें कीं मगर अंग्रेज़ों ने उन्हें आगे बढ़ने नहीं दिया पर फिर भी संघर्ष करते भारतीयों ने कैसे इस डॉमिनेंस को तोड़ा, ये कहानी सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में सुशांत भारती से जिन्होंने इस टॉपिक पर किताब भी लिखी है.
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