भारत और पाकिस्तान के रिश्ते हमेशा से तनावपूर्ण रहे हैं—विभाजन से लेकर युद्धों और कारगिल तक और उसके बाद भी. 'पढ़ाकू नितिन' में हमारे साथ हैं पूर्व राजनयिक शरत सभरवाल, जिन्होंने पाकिस्तान में भारत के डिप्टी और फिर हाई कमिश्नर के रूप में काम किया. वे हमें बताते हैं कि भारत-पाक संबंध क्यों सामान्य नहीं हो सकते, कैसे उन्होंने पाकिस्तान के जासूसों को चकमा दिया और बलूचिस्तान की आज़ादी की मांग कैसे पाकिस्तान के लिए चुनौती बनती जा रही है. हम बलूच आंदोलन के इतिहास, नवाब बुगती की हत्या और भारत की भूमिका पर भी चर्चा करते हैं, सुनिए ये बातचीत जो पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति, जासूसी तंत्र और अलगाववाद को गहराई से समझने में मदद करेगी.
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