पाकिस्तान को बने अभी सौ साल भी नहीं हुए, लेकिन बलूचिस्तान का इतिहास हज़ारों साल पुराना है. आज की हकीकत यह है कि बलूचिस्तान पाकिस्तान का हिस्सा है, लेकिन 1947 से ही वहां के लोग आज़ादी की लड़ाई लड़ रहे हैं. बलूचिस्तान नेशनल मूवमेंट इसी संघर्ष का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य हर हाल में एक स्वतंत्र बलूचिस्तान है. इस संगठन के सीनियर ज्वाइंट सेक्रेटरी, कमाल बलोच, जो सुरक्षा कारणों से अपनी लोकेशन उजागर नहीं कर सकते उन्होंने पढ़ाकू नितिन से वर्चुअल बातचीत में बताया कि वे बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग क्यों मानते हैं और जिन्ना ने कैसे उन्हें धोखा दिया. इस एपिसोड में हमने जाना कि इस आंदोलन की फंडिंग कैसे होती है, चीन की मौजूदगी ने इसे कितना मुश्किल बना दिया है, और क्यों कमाल बलोच, भगत सिंह और सुभाष चंद्र बोस को अपना हीरो मानते हैं.
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