11 अप्रैल 2010 को, प्रलव ध्यानी, एक नवनियुक्त डेक ऑफिसर ट्रेनी, एक मालवाहक जहाज़ पर समुद्री जीवन के अनुशासन को समझने की कोशिश कर रहे थे, तभी अफ्रीका के तट के पास उनका जहाज़ सशस्त्र समुद्री लुटेरों ने घेर लिया. अफरा-तफरी के बीच एक बात साफ हो गई — MV RAK Afrikana को हाईजैक कर लिया गया है. उस समय मात्र इक्कीस साल के प्रलव के लिए यह एक ऐसे डरावने सफ़र की शुरुआत थी, जिसे वह आज तक नहीं भूल पाए हैं. समूची क्रू को सोमालिया के एक दूर-दराज़ इलाके में बंधक बना लिया गया, जहां से उनके रिहाई के लिए जहाज़ की कंपनी के साथ बातचीत शुरू हुई. अगले 331 दिनों तक अलग-अलग देशों से आए इन नाविकों के एक छोटे समूह ने साथ मिलकर न सिर्फ मौत की झूठी धमकियों और मानसिक यातनाओं का सामना किया, बल्कि उस माहौल में छिपी राजनीति और समुद्री लूट की सच्चाई को भी जाना, ‘पढ़ाकू नितिन’ में सुनिए उनकी पूरी कहानी.