पृथ्वीराज चौहान के बाद 350 साल बीते तब जाकर दिल्ली की गद्दी पर एक हिन्दू राजा बैठा. नाम था हेमचंद्र विक्रमादित्य जो 22 युद्धों को जीतकर दिल्ली पहुंचा था. राजा बनने से पहले वह एक नमक व्यापारी हुआ करता था और दिल्ली की तख़्त पर बैठने के महीनेभर बाद वो ज़िंदगी की सबसे बड़ी लड़ाई लड़ने पानीपत पहुंचा. हेमू की सेने के पराक्रम के सामने पस्त होती मुग़ल सेना के बीच से एक तीर चली और पूरी बाज़ी पलट गई. इस तीर के नोक पर किसी की मौत तो नहीं लिखी थी पर जो लिखी थी वो थी हिन्दुस्तान की नियति, सुनिए नितिन ठाकुर से ‘एक बखत की बात’ में पानीपत की दूसरी लड़ाई का वो किस्सा जिसमें हेमचंद्र विक्रमादित्य एक जीता हुआ युद्ध हार गया.
नोट- कहानी को रोचक बनाने के लिए कुछ हिस्सों में नाटकीयता का सहारा लिया गया है.
प्रड्यूसर- कुंदन
साउंड मिक्स- कपिल देव सिंह
एक Wrong Turn से कैसे गई 170 लाख लोगों की जान?: एक बखत की बात, Ep 02