दूसरे विश्वयुद्ध को अंत हुए 15 साल हो चुके थे. मित्र राष्ट्रों ने मिलकर एक संगठन बनाई थी NATO. जिसका एक मकसद सोवियत संघ के वर्चस्व को कंट्रोल करना और एक दूसरे की रक्षा करना था. इसके तहत ही अमेरिका ने इटली और टर्की के एयरबेस में न्युक्लियर वेपन इंस्टॉल किए थे, सोवियत संघ ने क्यूबा में परमाणु हथियार रख दिए थे और समुद्र में चार सबमरीन भी थे 'स्पेशल वेपन' से लैस. कॉल्ड वार की इस कहानी में एक मौका ऐसा भी आया जब न्यूक्लियर लॉन्च करने वाला बटन दबने ही वाला था, मगर एक ऑफ़िसर बीच में आ गया, सुनिए उसकी कहानी 'एक बखत की बात' में.
नोट- कहानी को रोचक बनाने के लिए कुछ हिस्सों में नाटकीयता का सहारा लिया गया है.
हीरा सदा के लिए न होता अगर एक विज्ञापन न बनता: एक बखत की बात, Ep 16