वकालत से आर्देशिर गोदरेज का मन नहीं मिला, नौकरी ने भी उन्हें उत्साहित नहीं किया, जब पहला धंधा शुरू किया तो बिज़नेस पार्टनर से ठन गई. गोदरेज पहली सफ़लता के लिए बेचैन हो रहे थे. हर चीज़ को मौके की नज़र से देखते थे. आज हम जिसे आन्ट्रप्रनर कहते हैं, वो असल मायने में एक आन्ट्रप्रनर थे, उन्हें पहली सफ़लता मिली एक ख़बर की वजह से, क्या है पूरा किस्सा सुनिए 'एक बखत की बात' में नितिन ठाकुर से.
प्रोड्यसूर- कुंदन
साउंड मिक्सिंग- कपिल देव सिंह
एक Wrong Turn से कैसे गई 170 लाख लोगों की जान?: एक बखत की बात, Ep 02