एक बखत की बात है- दुनिया अपनी रफ़्तार से चल रही थी. औद्योगिक क्रांति के बाद यूरोपियन देशों के पास पैसा और असलहे- बारूद की कमी नहीं थी. सभी देशों के भीतर अपनी धाक जमाने और ताकत आज़माने की ललक थी. इसके लिए तमाम ताक़तवर मुल्क बस एक मौक़े की इंतज़ार में थे. तभी एक दिन बोस्निया की राजधानी में ऑस्ट्रिया-हंगरी के प्रिंस आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की गाड़ी ने रॉन्ग टर्न लिया और वर्ल्ड वॉर की नींव पड़ गई. 5 साल तक चले इस विश्वयुद्ध में 1 करोड़ 70 लाख से ज्यादा जानें चली गईं. तो 'एक बखत की बात' के दूसरे एपिसोड में नितिन ठाकुर से सुनिए प्रथम विश्व युद्ध के शुरू होने की वही कहानी.
प्रड्यूसर: कुंदन कुमार
साउंड मिक्सिंग: कपिलदेव सिंह