सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2025 को आवारा कुत्तों की समस्या पर कड़ा रुख अपनाते हुए दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को 8 सप्ताह में शेल्टर होम में ट्रांस्फर करने का आदेश दिया. कहा कि वहां उनकी नसबंदी और टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए. साथ ही चेतावनी भी दी कि कुत्तों को सड़कों पर वापस न छोड़ा जाए. दरअसल, कोर्ट ने 28 जुलाई को दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों की समस्या और इससे जुड़े डॉग बाइट एवं रेबीज से होने वाली मौतों के बढ़ते आंकड़ों पर स्वतः संज्ञान लिया था. सुप्रीम कोर्ट के इसी फैसले पर सोशल मीडिया दोफाड़ हुआ. जहां कुछ लोगों ने इस फैसले को सराहा, वहीं दूसरी ओर पशु प्रेमी-पशु कल्याण संगठन इसका जमकर विरोध करने लगे. इस पूरे मामले की कई परतें हैं. कई जटिलताएं. जिनका जवाब दे रही हैं पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के साथ मिलकर देश का सबसे बड़ा पशु कल्याण NGO चलाने वाली Animal Protection Laws की Expert Gauri Maulekhi.