
एक शायर था जिसकी तस्वीरें गर्ल्स हॉस्टल में लड़कियों के तकियों के नीचे मिलती थी... जो इश्क़ भी लिखता था और इंकलाब भी, लेकिन उसके हिस्से आई ज़िंदगी की मायूसी, अधूरी मुहब्बत और एक दर्दनाक मौत. स्टोरीबॉक्स में इस बार सुनिए उर्दू शायर मजाज़ लखनवी की कहानी जमशेद क़मर सिद्दीकी से.









