
10 नवंबर को दिल्ली में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया. 15 निर्दोष लोगों की मौत, 20 घायल होने के बाद आखिरकार सिक्योरिटी एजेंसियों के सामने एक आतंकी संगठन का नाम सामने आता है - जैश-ए-मोहम्मद और उसका सरगना मसूद अज़हर.
यह कोई पहली बार नहीं था.
2001 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा हमला, उसी साल भारतीय संसद पर हमला, 2016 में पठानकोट एयरबेस, उरी और नगरोटा, 2019 में पुलवामा, और फिर 2025 के बाद हुआ ऑपरेशन सिंदूर - हर बड़े मोड़ पर जैश-ए-मोहम्मद और मसूद अज़हर की मौजूदगी साफ़ दिखती है.
सोवियत-अफग़ान वॉर से लेकर पाकिस्तान की साज़िश, और मसूद अज़हर को मिली खुली शह, जैश को बार-बार भारत के खिलाफ खड़ा करती रही.
जवाब तलाशेंगे:
मसूद अज़हर भारत से आखिर चाहता क्या है?
जैश-ए-मोहम्मद का व्हाइट टेरर मॉड्यूल क्या है?
पढ़े-लिखे डॉक्टर आतंकी नेटवर्क का हिस्सा कैसे बने?
जैश को फंडिंग कहां से मिलती है?
सोशल मीडिया और टेलीग्राम चैनल्स कैसे कट्टरपंथ फैलाते हैं?
जैश की विचारधारा, ऑब्जेक्टिव और ऑपरेशन मॉडल क्या है?
प्रड्यूसर: मनोज राजपुरोहित
साउंड मिक्सिंग: अमन और सूरज

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