खाना दुनिया के उन गिने-चुने कामों में से है जो ज़रूरत भी है और शौक़ भी, और अगर पूरी शिद्दत से दिल लगाकर किया जाए, तो यह पेशा भी बन सकता है और पहचान भी। कुछ लोग होते हैं जो क्या खाना है, इसके बारे में बहुत सोचते हैं, और कुछ ऐसे भी होते हैं जो बिना सोचे-समझे जो मिल जाए, खा लेते हैं। खाने के साथ प्यार भी जुड़ा होता है, इसका अपना 'लव लैंग्वेज' होता है। खाने के साथ मॉरैलिटी भी जोड़ी जाती है, और इसमें भूगोल भी एक बड़ा खिलाड़ी होता है। अब तो इसमें विज्ञान भी जुड़ गया है, और इस पर खूब काम किया है कृष अशोक ने। आज वे हमारे मेहमान हैं। इन्होंने खाने पर एक किताब लिखी है, जो रेसिपीज़ और इतिहास पर नहीं, बल्कि इसके विज्ञान पर आधारित है। कृष अशोक ने खाने से जुड़े कई मिथक तोड़े हैं, और शाकाहारी और मांसाहारी खाने की बहस को भी समाप्त कर दिया है। हमने उनसे पूछा कि भारत के लोग मसालेदार खाना क्यों पसंद करते हैं, किस तरह का नमक खाना के लिए सही है, और खाने के मामले में किसकी सुननी चाहिए। अंत तक इस लज़ीज़ पॉडकास्ट को सुनिए, इसका 'आफ़्टरटेस्ट' भी बहुत अच्छा है
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं