
बांग्लादेश. कभी ये नाम सुनकर ऐसा लगता था जैसे कोई ऐसा पड़ोसी है जिसके यहां से आदान प्रदान चलता रहता है. तभी आपके यहां खीर ज़्यादा बनी तो वहां पहुंचा दी, उधर से पराठे ज़्यादा बने तो इधर आ गए. ऐसा नज़दीकी रिश्ता. कारण था बांग्लादेश के बनने में जो सहायता भारत ने की थी. पिछले दो सालों में इसी पड़ोसी ने आंतरिक तौर पर काफ़ी उथल पुथल देखी. बांग्लादेश के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्तियां वहीं के लोगों ने गिराई. उनकी बेटी और बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख़ हसीना को वहां से तुरंत भागना पड़ा. भारत ने उन्हें अपने यहां शरण भी दी. मगर भारत-बांग्लादेश का ऐसा रिश्ता आखिर बना कैसे? 1971 में हुआ क्या था? ईस्ट पाकिस्तान से बांग्लादेश तक का सफ़र तय करने में ऐसे कौन कौन से पड़ाव थे जिनके बारे में दुनिया को पता ही नहीं है? और जब ये हो रहा था तो दुनिया भर में क्या घट रहा था? इसी सवाल को Address करती है Iqbal Chand Malhotra और Subroto Chattopadhyay की क़िताब Bangladesh: Humiliation, Carnage, Liberation, Chaos. और किताब के दोनों लेखक हैं हमारे मेहमान. मिलेंगे सारे सवालों के जवाब. सुनिएगा पूरा एपिसोड
प्रड्यूसर: मानव देव रावत
साउंड मिक्स: रोहन भारती

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