
12 जनवरी 1972. इसी दिन बांग्लादेश को अपना पहला प्रधानमंत्री मिला. शेख मुजीबुर्रहमान. आज़ाद बांग्लादेश में शेख मुजीब ने अपने पहले भाषण में खास तौर पर आज़ादी की लड़ाई में शहीद हुई हिंदू आबादी का ज़िक्र किया और भारत के refugee camps में रह रहे हज़ारों बांग्लादेशी हिंदुओं से अपील की कि वो वापस Bangladesh लौटें. देश के पुनर्निर्माण में मदद करें. यही शेख मुजीब बाद में बांग्लादेश के राष्ट्रपिता कहलाए और अगस्त 2024 में इन्हीं की मूर्ति पर कई बांग्लादेशियों ने चढ़कर हथौड़े चलाए. हाल ही में बांग्लादेश से जैसी ख़बरें आ रही हैं उन्हें देखकर तो ये लगता है कि शेख मुजीब के हिंदू Inclusive और Secular Bangladesh के विचार और Vision पर भी हथौड़ा चल रहा है. आपने भी दीपू चंद्र दास का वो दर्दनाक विडियो देखा होगा. आपने भी अमृत मंडल का नाम सुना होगा. इस वक़्त भारत समेत दुनियाभर की नज़रें बांग्लादेश में Minorities और Especially हिंदुओं पर होते अत्याचार पर है. Padhaku Nitin World Affairs के इस एपिसोड में बात इसी पर होगी. जिसके लिए हमारे साथ हैं बांग्लादेश के ढाका में बैठे सलाहुद्दीन शोएब चौधरी. चौधरी बांग्लादेशी अख़बार Blitz के Editor हैं. कई भारतीय अख़बारों के लिए लिखते हैं और ढाका में बैठकर बांग्लादेश में घट रहे इन घटनाक्रमों को क़रीब से देख भी रहे हैं.
प्रड्यूसर: मानव देव रावत
साउंड मिक्स: अमन पाल

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