जून 1969 में न्यूयॉर्क के स्टोनवॉल इन में हुई एक पुलिस रेड ने LGBTQ+ आंदोलन को जन्म दिया. एक साल बाद, दुनिया की पहली प्राइड परेड निकली, एक ऐसा मार्च जिसने बताया कि अपने अस्तित्व पर गर्व करना चाहिए. ये आंदोलन अब पूरी दुनिया में फैल चुका है. भारत के छोटे-छोटे शहरों तक और आज हम बात कर रहे हैं उस आवाज़ से, जिसने खुद के लिए नहीं, बल्कि पूरे समुदाय के लिए रास्ता बनाया ट्रांसजेंडर मॉडल और एक्टिविस्ट, रुद्राणी छेत्री के साथ 'पढ़ाकू नितिन' में हुई इस बातचीत में सुनिए.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.