प्राचीन भारत या अन्य सभ्यताओं में सौंदर्य बढ़ाने की कौन-कौन सी तकनीकें इस्तेमाल होती थीं? क्या पुराने ज़माने में कोई ऐसी प्रक्रियाएं थीं जिन्हें आज के plastic surgery या cosmetic procedure की तरह देखा जा सकता है? आयुर्वेद में ‘anti-aging’ के लिए किन उपायों का उल्लेख मिलता है और क्या वे आज भी प्रासंगिक हैं? क्या प्राचीन समय में भी सौंदर्य चिकित्सा को लेकर stigma जैसी कोई भावना थी? आजकल मार्केट में कई anti-aging क्रीम, बोटॉक्स, फिलर्स और सर्जरी विकल्प उपलब्ध हैं—आम आदमी कैसे समझे कि क्या सुरक्षित है और क्या नहीं? किन स्थितियों में प्लास्टिक सर्जरी केवल ‘कॉस्मेटिक’ नहीं बल्कि ‘मेडिकल आवश्यकता’ बन जाती है? प्लास्टिक सर्जरी या बोटॉक्स जैसी प्रक्रियाओं से जुड़ी आम गलतफहमियां क्या हैं? क्या लंबे समय तक बोटॉक्स या फिलर्स का उपयोग नुकसानदेह हो सकता है? क्या कोई ऐसी तकनीकें आ रही हैं जो बगैर सर्जरी के असरदार anti-aging का विकल्प बन सकती हैं? ऐसे सभी सवालों के जवाब जानिए हेलो डॉक्टर के इस एपिसोड में Dr Ajaya के साथ.
प्रड्यूसर/होस्ट : मानव देव रावत
साउंड मिक्स : सूरज/रोहन