वायग्रा असल में शरीर में कैसे काम करती है? इसे सिर्फ ‘फिजिकल’ दवा माना जाता है या इसका मनोवैज्ञानिक असर भी होता है? वायग्रा से पहले इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का इलाज कैसे किया जाता था? क्या वायग्रा का सेवन वास्तव में हर प्रकार के इरेक्टाइल डिस्फंक्शन में असरदार है? क्या वायग्रा लेने से आत्मविश्वास और मनोवैज्ञानिक संतुलन पर भी असर पड़ता है? क्या लंबे समय तक वायग्रा लेने से लत या मानसिक आदत बन सकती है? कई युवा बिना ज़रूरत सिर्फ परफॉरमेंस बढ़ाने के लिए वायग्रा लेते हैं—यह कितना खतरनाक है? क्या बार-बार बेवजह वायग्रा लेना भविष्य में प्राकृतिक यौन-क्षमता को कम कर सकता है? इरेक्टाइल डिस्फंक्शन सिर्फ शरीर की समस्या है या मानसिक स्वास्थ्य से भी गहराई से जुड़ा है? किसे वायग्रा लेनी चाहिए और किसे बिल्कुल नहीं लेनी चाहिए? ऐसे सभी सवालों के जवाब जानिए हेलो डॉक्टर के इस एपिसोड में डॉक्टर आशीष मित्तल से.
प्रड्यूसर/होस्ट : अतुल तिवारी