एक पूर्व लश्कर-ए-तैयबा के ओजीडब्ल्यू (On-Ground Worker) ने कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. उसने बताया कि आतंकियों को स्थानीय स्तर पर किस तरह समर्थन मिलता है, ओजीडब्ल्यू कैसे चुने जाते हैं और हमलों को अंजाम देने में उनकी क्या भूमिका होती है. वो अब अपने अतीत पर शर्मिंदा है और मानता है कि हाल ही में पहलगाम जैसे हमले ओजीडब्ल्यू की मदद के बिना मुमकिन नहीं हो सकते थे. अरविंद ओझा ने उससे ‘क्राइम ब्रांच’ में बातचीत की है.
प्रड्यूसर : अंकित द्विवेदी
साउंड मिक्सिंग : सूरज सिंह