तीन ताल के 52वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', पाणिनि ‘बाबा’ और कुलदीप ‘सरदार' से सुनिए:
-निक़ाह और विवाह में छिपी आह और मैरेज के रेज पर ताऊ की राय. बाबा ने क्यों कहा कि अब नवरात्र में वो उत्साह कहाँ.
-कोई त्योहार हर साल कुछ दिन आगे-पीछे क्यों हो जाता है? और क्या हो अगर होली नवम्बर में पड़े.
-बाबा को लखीमपुर खीरी की कौन सी दो मिठाईयाँ याद आयीं? दो ध्रुवों में बंट चुके समाज के बीच में ताऊ को वहाँ क्या नज़र आता है और और सरदार ने किस बात पर कहा कि 'हमारा लड़का है ये इम्पोर्टेन्ट है'.
-इस्तीफा देने की नैतिकता को किसकी नज़र लग गयी? लोग बदला न लें तो क्या करें?
-हॉर्न अगर मधुर हो जाए तो क्या सबकुछ गड्डमड्ड हो जाएगा? ताऊ और बाबा के हॉर्न के साथ अनुभव और ताऊ क्यों कई बार बिना हॉर्न बजाए भी लम्बी यात्रा कर लेते हैं? भारत के लोगों को हॉर्न बजाने की आदत किस गाड़ी की वजह से पड़ी.
-अलार्म जिसे लगाता है एक आदमी और जिसे सुन के दौड़ता है दूसरा आदमी. ताऊ का स्नूज़ अलार्म और बाबा का बॉडी क्लॉक. किस तरह अलार्म ने सरदार के कुछ पसन्दीदा गाने उनसे छीन लिए.
-न्योता वाले श्रोता में एक चिट्ठी जिसे तीन लोगों ने मिलकर लिखा है और उनके ताऊ, बाबा और सरदार से सवाल-जवाब. मसलन, आसमान में क्या निहारते थे बचपन में. बाबा फ़ैज़ की किस पंक्ति पर घण्टो व्यख्यान दे सकते हैं और आलू-कचालू पर घमासान.
-देहाती खेलों के किस्से सुनने के लिए नीचे दिए गए क्लिक पर क्लिक करें-
प्रड्यूसर ~ शुभम तिवारी
साउंड मिक्सिंग ~ सचिन द्विवेदी
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