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नीली जुराबें | स्टोरीबॉक्स | EP 48

नीली जुराबें | स्टोरीबॉक्स | EP 48

पाखी की उम्र बारह साल थी। उसकी ज़िंदगी के रंग अभी कच्चे थे। वो रात के वक्त छत पर लेटे हुए चुंधियाई आंखों से आसमान की तरफ चमकते तारों को हैरानी से देखती थी और सोचती थी इन्हीं तारों के बीच से उसकी मां उसे देख रही होंगी। वही मां जिन्होंने अपनी ज़िंदगी के आखिरी दिनों में उसके लिए नीली जुराबें बनाई थीं - सुनिए 'नीली जुराबें' स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से. 

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Listen and follow स्टोरीबॉक्स विद जमशेद क़मर सिद्दीक़ी