उस काली अंधेरी सुनसान रात में सामने वाले अपार्टमेंट की खिड़की में मैंने जो देखा था उसे मैं कभी नहीं भूल सकता. भूत प्रेत या साय पर मेरा यकीन हो या ना हो लेकिन उस रात के बाद ज़िंदगी और उसकी अहमियत पर मेरा यकीन ज़रूर बढ़ गया था - सुनिए स्टोरीबॉक्स में कहानी 'अमावस की वो रात' जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से