स्पेशल सीरीज़ ‘क़िस्सागोई’ में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे ‘क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा’ किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए सिद्दीकी साहब का. उर्दू के महान आलोचक और आलोचना में उनका कोई सानी ना हुआ. लेकिन सिद्दीकी साहब का कहना था कि आलोचना सलाह के तौर पर दी जानी चाहिए. ना कि अपने ज्ञान के दिखावे के लिए. और इसी के साथ किस्सा उस बच्चे का जिसके रिश्तेदार उसे लगातार ताना देते रहते थे. लेकिन फिर बच्चे ने क्या किया? ख़ुद सुनिए
शहीद चंद्रशेखर आज़ाद की भविष्यवाणी जब सच हुई : क़िस्सागोई Ep 53
निराला ने रेडियो एंकर का गला क्यों पकड़ लिया? : क़िस्सागोई Ep 52
मोहम्मद रफ़ी से ये प्यारी शिकायत थी इस एक्टर को : क़िस्सागोई Ep 48