
भारत ने हाल ही में अपनी राजधानी दिल्ली में एक भयानक विस्फोट देखा। आप सभी ने इसकी खबरें जरूर सुनी-पढ़ी होंगी। इसके मात्र एक-दो दिन बाद पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में भी एक घातक बम धमाका हुआ जिसमें 12 लोग मारे गए और 20 घायल हो गए। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इस हमले का जिम्मेदार सीधे काबुल को ठहराया और कहा कि अब अफगानिस्तान-पाकिस्तान के बीच जंग सिर्फ डूरंड लाइन तक सीमित नहीं रही। इस हमले का समय भी बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि ठीक कुछ दिन पहले ही इस्तांबुल में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच शांति वार्ता असफल हो चुकी थी।
याद कीजिए, जब अफगान तालिबान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी भारत आए थे, उसी दौरान भी खबरें थीं कि पाकिस्तान अफगानिस्तान पर बम बरसा रहा है।
तो आज के पढ़ाकू नितिन World Affairs में हमारा पूरा फोकस पाकिस्तान-अफगानिस्तान तनाव पर रहेगा। हम समझेंगे कि दोनों इस्लामिक देशों के बीच बॉर्डर पर हालात इतने बिगड़े क्यों हैं? असल विवाद क्या है? हाल ही में अफगानिस्तान ने ईरान के साथ जिस तरह की ट्रेड डील की है, उससे भी पाकिस्तान काफी बौखलाया हुआ है। हम साउथ एशिया में इन दोनों पड़ोसियों के बीच बदलते समीकरण को भी डीकोड करेंगे। और ये भी जानेंगे कि आखिर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस धमाके को भारत से क्यों जोड़ा? चूंकि पूरा मसला बॉर्डर का है, इसलिए हमारे साथ हैं साउथ एशियन यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल रिलेशंस और खासतौर पर बॉर्डर स्टडीज पढ़ाने वाले प्रोफेसर धनंजय त्रिपाठी।
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प्रड्यूसर: मानव देव रावत
साउंड मिक्स: अमन पाल

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