19 अगस्त को अफ़ग़ानिस्तान अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है लेकिन आज उसके हालात अजीब हैं. कोई नहीं जानता कि वो अमेरिका से आज़ाद हुआ है या तालिबान का गुलाम. कुछ लोगों का मानना है कि तालिबान अब मैच्योर हो गया है तो किसी ने कहा कि सौ चूहे खानेवाली बिल्ली हज पर जाए तो भी भरोसा नहीं करना चाहिए. आज पढ़ाकू नितिन में हम तालिबान की पैदाइश के हालात, पतन, रिवाइवल की कहानी जानेंगे. साथ ही समझेंगे कि अफ़ग़ानिस्तान जो फसल आज काट रहा है उसके बीज कब बोये गए थे. ये कहानी सुना रहे हैं प्रकाश के रे जो अंतर्राष्ट्रीय मामलों पर अख़बारों, मैग्ज़ीन्स और न्यूज़ चैनल्स में बेबाक़ लिखते-बोलते हैं. इस बातचीत में सुनिए:
- एक राष्ट्रपति की हत्या से कैसे बदली अफ़ग़ानिस्तान की क़िस्मत?
- क्या अफ़ग़ान सिविल वॉर की जड़ में नस्लीय झगड़ा है?
- मुजाहिद्दीन और तालिबान में क्या फ़र्क़ है?
- तालिबान कौन हैं और कहां से काबुल में चले आए थे?
- तालिबान को टक्कर देनेवाला नॉदर्न एलायंस क्या है?
- क्यों हम पिछले तालिबानी शासन की हक़ीक़त नहीं जान सकेंगे?
- क्यों लोग कहते हैं कि तालिबान इस बार बदल गया?
- कौन हैं सालेह, अब्दुल्लाह, गनी, बरादर और हक्कानी?
- अफ़ग़ानिस्तान से रूस, USA, चीन, पाक, भारत के क्या हित जुड़े हैं?
Padhaku Nitin | Episode 5 | Afghanistan | Taliban | Hindi Podcast | Aajtak Radio
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