आज का एपिसोड खास है, क्योंकि हमारे मेहमान शेर सिंह राणा हैं. कोर्ट ने उन्हें फुलन देवी की हत्या का दोषी पाया, उन्होंने तिहाड़ जेल में 13 साल बिताए और जेल तोड़कर भागने वाले दूसरे व्यक्ति बने. अफगानिस्तान जाकर पृथ्वीराज चौहान की अस्थियां लाने, अपनी राजनीतिक पार्टी बनाने और ‘जेल डायरी: तिहाड़ से काबुल कंधार तक’ नामक किताब लिखने जैसे कारनामे उनके नाम हैं. शेर सिंह राणा को कुछ लोग नायक मानते हैं, तो कुछ खलनायक. आज, हम उनसे उनके जीवन के अनछुए पहलुओं, जेल के अनुभवों, अफजल गुरु से हुई बातचीत, और विवादों पर उनके हिस्से का सच जानेंगे.
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