देश के पहले एजुकेशन मिनिस्टर मौलाना आज़ाद की कहानी जितनी दिलचस्प है उतनी ही आसानी से हमने वो भुला दी. उनका परिवार अफ़ग़ानिस्तान से दिल्ली आया था और फिर मक्का चला गया था, जहां आज़ाद पैदा हुए. वो फिर भारत लौटे. यहां पढ़े, क्रांतिकारी आंदोलन से जुड़े, जेल गए, कांग्रेस को संभाला, जिन्ना से लड़े, अपनों से हारे और आखिरकार उस देश के पहले शिक्षामंत्री बने जिसे अखंड बनाए रखने के लिए वो बहुत जूझे. उन्हीं मौलाना आज़ाद की कहानी 'पढ़ाकू नितिन' में हमने सुनी एस इरफ़ान हबीब से जिन्होंने मौलाना की जीवनी लिखी.
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