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लंदन की भव्य इमारतों के पीछे दहेज में मिले मुंबई का हाथ था? : पढ़ाकू नितिन, Ep 16

लंदन की भव्य इमारतों के पीछे दहेज में मिले मुंबई का हाथ था? : पढ़ाकू नितिन, Ep 16

लंदन हमेशा भारतीयों के लिए अहम रहा. कोई इससे प्यार करता रहा तो कोई नफरत. वजह ऐतिहासिक है. वहां रहनेवालों ने हम पर सदियों तक शासन किया था. इसी बीच भारतीयों ने भी उनके शहर में जड़ें जमाईं. बहुत कुछ उसे दिया, काफी कुछ लिया. इस बार पढ़ाकू नितिन की बैठकी में नितिन ठाकुर के साथ ‘Indians in London’ के लेखक अरूप के चटर्जी हैं. वो बता रहे हैं कि क्यों लंदन को लेकर भारतीयों के दिल में खास जगह है, इस शहर में भारतीयों की कहानी कैसे शुरू हुई, कैसे आग मे जल जाने के बाद लंदन के फिर खड़ा होने में भारत का हाथ रहा और क्यों कहा जाता है कि भारत की आज़ादी और बंटवारे के बीज इसी शहर में पड़े?

 

इस पॉडकास्ट में सुनिए:

-क्या लंदन को पुनर्जन्म भारत से मिला था?
-हिंदुस्तानियों ने लंदन जाना क्यों शुरू किया था?
-इंडियन करी के दीवाने कैसे हुए अंग्रेज़?
-लंदन में पहला भारतीय रेस्तरां किसने खोला?
-क्यों अंग्रेज़ खुद को मुगलों जैसा बनाना चाहते थे?
-क्या लंदन में ही भारत की आज़ादी के बीज़ पड़े?
-किस भारतीय राजकुमारी ने चर्चिल की कार से खुदकुशी करने का प्रयास किया?
-वो 5 अहम भारतीय कौन जो लंदन गए थे?
-टैगोर ने ट्रेन में गीतांजलि की प्रति खोई तो फिर क्या हुआ?
-क्या लंदन की बहुसंस्कृति को मूल निवासी नापसंद करते हैं?

जब बॉम्बे दहेज में लिया-दिया गया

सिनेमा से गायब होता लंदन

अमिताव घोष

शेक्सपीयर का नाटक ‘टेंपेस्ट’

तीर्थंकर रॉय की किताब 

वी डी सावरकर की ऐतिहासिक किताब 

लंदन में क्रांतिकारियों का अड्डा ‘इंडिया हाउस’ 

लंदन में पहला भारतीय रेस्तरां

राष्ट्रवाद पर टैगोर

 

Padhaku Nitin | Episode 16 | Aajtak Radio

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