अक्सर अख़बार के बीच के पन्नों में आप इश्तिहार देखते होंगे, जो पुलिस की ओर से दी जाती है, इसमें थोड़े बड़े अक्षरों में लिखा होता है- शव की पहचान. साफ़ पता चल जाता है कि यहां किस बारे में बात की जा रही है. देशभर में ऐसे कई शव मिलते हैं, जिसकी पहचान नहीं हो पाती. तब सवाल बनता है कि इस परिस्थिति में क्या होता है, लावारिस लाशों का क्या होता है, पुलिस को जो अंजान शव मिलती है फिर उसके पहचान की प्रक्रिया क्या है, सुनिए 'ज्ञान-ध्यान' में
प्रड्यूस- कुंदन
साउंड मिक्स- सचिन द्विवेदी
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