इस्लाम मे तलाक के अलग-अलग तरीक़े हैं. अलग अलग प्रोसीजर है. भारत में तीन तलाक के हटाए जाने के बाद साल 2023 में ये मांग उठने लगी कि तलाक ए हसन की भी लीगैलिटी पर विचार करना चाहिए. ये मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया. सुप्रीम कोर्ट में ऐसी आठ याचिकाएं दायर हुई. जिनमें एक याचिका गाजियाबाद की रहने वालीं बेनजीर हिना की भी थी. हिना के पति ने तलाक-ए-हसन के तहत उन्हें तलाक दे दिया था. सुप्रीम कोर्ट इस पर सुनवाई को तो तैयार हो गई है लेकिन हमारे लिए ये समझना जरूरी है कि तलाक ए हसन है क्या? ये तीन तलाक़ से कितना अलग है, क्यों इसकी लीगैलिटी पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं? ज्ञान ध्यान में सूरज कुमार से सुनिए इन्हीं सारे सवालों के जवाब.
प्रड्यूस- रोहित त्रिपाठी
साउंड मिक्सिंग- नितिन रावत
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