बचपन से ही पेंसिल हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा रही है. पेन से लिखने से पहले पेंसिल ही हाथों में पकड़ाई गई थी. लेकिन पेंसिल आखिरकार बनी कैसे? किसने सोचा होगा की लकड़ी के टुकड़े में ग्रेफाइट डालकर लिखा जा सकता है? और क्या पेंसिल में सिर्फ ग्रेफाइट ही होते हैं? आज के ज्ञान ध्यान में यही जानिए प्रतीक वाघमारे से.
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