साल 1945 के 6 और नौ अगस्त को जापान के दो शहरों पर अमेरिका ने परमाणु हमलों के दो घाव दिए थे, जो अभी भी उन शहरों के लिए नासूर बने हुए हैं. इन शहरों के नाम हमें आज भी सामान्य ज्ञान के किसी तथ्य की तरह याद हैं. अमरीका ने जापान के किन दो शहरों पर एटम बम गिराए थे- पूछेंगे तो शायद 5 या 6 में पढ़ने वाला बच्चा भी कह दे हिरोशिमा और नागासाकी. लेकिन इन दोनों शहरों पर बम गिरने के प्रभाव अभी मिटे नहीं हैं. बम गिरने के साथ जितनी जानें गईं,जितना नुकसान हुआ वो तो था ही,आने वाली पीढ़ियों ने भी उसके नुकसान झेले. समाज तरक्की कर रहा है तो परमाणु बमों के प्रयोग और उनके प्रोडक्शन पर भी सवाल उठ रहे हैं, एक तबका खुल कर आया है जो कह रहा है कि अब परमाणु बमों को तबाह करके ये नियम बना देना चाहिए कि इन्हें कोई नहीं बनाएगा. लेकिन उस चर्चा के जमीनी तौर पर प्रभावी होने में अभी वक्त है.ऐसे क्या कारण हैं जो परमाणु बम इतने खतरनाक हो जाते हैं, उनको बनाए जाने का साइंस क्या हैं जो उनमें के पूरी सभ्यता मिटा देने की ताकत रखते हैं. सुनिए 'ज्ञान-ध्यान' के इस एपिसोड में.
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