शादीशुदा आदमी या औरत अगर किसी दूसरे से शारीरिक संबंध बनाते हैं तो वो अपराध के दायरे में आना चाहिए क्योंकि शादी एक बहुत ही पवित्र परंपरा है और इसे बचाया जाना चाहिए. ये सिफारिश है देश की एक संसदीय कमेटी की सरकार से. इस कमेटी को सरकार ने ही आईपीसी विधेयक में बदलावों को लेकर सजेशंस के लिए बनाया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच के 2018 में दिए गए एक फैसले में कहा गया था कि शादी के बाद बनाए गए जिस्मानी ताल्लुकात जुर्म नहीं कहा जा सकता. और न ही कहा जाना चाहिए. इसका मतलब ये हुआ कि अगर केंद्र सरकार उस कमेटी की सिफारिश को मानती है तो वो कोर्ट के पुराने आदेशों के खिलाफ होगा. आखिर ये सुझाव किस बुनियाद पर दिए जा रहे हैं और कोर्ट ने जो कहा कि ये अपराध नहीं है, उसके तर्क क्या हैं? सुनिए इस एपिसोड में.
साउंड मिक्स - नितिन रावत
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