"मेरा जन्म लड़के के रूप में हुआ था. कुछ ही दिन बाद मैंने पाया कि मेरे अंदर कोई फीलिंग लड़कों सी नहीं. मैं मन से एक लड़की था.’’ ये कहना था 2017 में जेंडर चेंज कराके ज़रीन बनने वाले विक्रांत का." राजस्थान के भरतपुर में मीरा देवी से आरव बने एक स्कूल टीचर की कहानी भी ऐसी ही है. उन्होंने पहले लड़की से लड़के के रूप में ख़ुद को बदला और फिर अपनी ही एक स्टूडेंट से शादी कर ली. लेकिन क्या ऐसी शादियां क़ानून की नज़रों में वैध हैं? और यदि ऐसा है तो इसके लिए क्या शर्तें हैं ? सुनिए आज के ‘ज्ञान-ध्यान’ में.
साउंड मिक्सिंग- नितिन रावत
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