हमारे देश पर क़ानून और संविधान का राज है. संविधान जो देश के हर व्यक्ति को बराबर दर्जा देता है, और हर भारतीय नागरिक को न्याय दिलाने का दावा भी करता है, उसने देश में क़ानून व्यवस्था बनाये रखने की भारी ज़िम्मेदारी दी है देश की न्यायपालिकाओं और उनकी सबसे ऊंची गद्दी पर बैठने वाले न्यायाधीशों को. पर जो न्यायाधीष इन्हीं कानूनों का उल्लंघन करते पाए जाएं उन्हें उनके पद से हटाने का प्रावधान भी देश के संविधान में बखूबी शामिल है. जजों को उनके पद से हटाने की इसी प्रक्रिया को महाभियोग कहा जाता है. कैसे लाया जाता है महाभियोग का प्रस्ताव? क्या होती है प्रस्ताव लाने के बाद की प्रक्रिया? और क्या देश के इतिहास में किसी जज को उनकी ताकतों की सीमाओं का उलंघन करने की वजह से उनके पद से हटाया गया है? जानेंगे इन सभी सवालों के जवाब 'ज्ञान ध्यान' में.
साउंड मिक्स- रोहन भारती
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