छोटे-मोटे भूकंप के झटके आने के बाद अक्सर लोग इंटरनेट पर ये पता लगाने भागते हैं कि अभी जो भूकंप आया था उसकी तीव्रता कितनी थी. पंखा-झूमर वगैरह को हिलता देख भी ये पता चल जाता है कि आप जिसे महसूस नहीं कर सके वो दरअसल जलज़ला था लेकिन दावे ये भी होते हैं कि कुछ जानवरों और जीवों को इसका अंदेशा पहले लग जाता है, पहले मतलब कई दफ़ा, महीने भर भी पहले. हम इंसान रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल पर भूकंप को साल 1930 से माप रहे हैं, लेकिन ये जीव एवलूशन के ज़रिए ये काम लाखों सालों से कर रहे हैं.
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