ब्रान्डेड कपडे हों या दुबई की ट्रिप, रुपये-पैसों से आप आजकल कुछ भी खरीद सकते हैं. मौके के हिसाब से इनका नाम भी बदल जाता है- कभी ये रिश्वत हैं, तो कभी टिप, कभी आशीर्वाद, तो कभी सिर्फ रुपये. लेकिन आपके दिमाग में कभी न कभी ये सवाल ज़रूर आए होंगे कि इन रुपयों की शुरुआत कहां और कैसे हुई, ये भारत तक कैसे पहुंचे, इन खनकते सिक्के और नोटों के बंडल का क्या इतिहास रहा है? इन्ही सवालों के जवाब जानने के लिए सुनिए आज का 'ज्ञान-ध्यान'.
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