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शराब पी कर दिमाग़ 'रात गई,बात गई' क्यों खेलने लगता है?:ज्ञान-ध्यान, Ep 666

शराब पी कर दिमाग़ 'रात गई,बात गई' क्यों खेलने लगता है?:ज्ञान-ध्यान, Ep 666

शराब बुरी है या अच्छी है. किसी सोसायटी, सर्किल या लोगों के लिए इस सवाल का जवाब सब्जेक्टिव हो सकता है. लेकिन विज्ञान और आपके स्वास्थ्य की दृष्टि से ये हमेशा बुरी है. एक लिमिटेड अमाउंट के अल्कोहल के बाद आप कुछ भी करने लगते हैं. सुबह होती है तो पता ही नहीं किया क्या? साथी से पूछते फिरते हैं अरे कुछ ग़लत किया था क्या शाम में? ये समस्या परमानेंट भी हो सकती है क्योंकि शरीर को नुक़सान पहुँचाने के लिए शराब कम पर्याप्त पेय नहीं है.शराबियों की महफ़िल के बाद ये बहुत कॉमन फ्रेज है कि भाई तीसरे पेग तक तो याद है उसके बाद का मुझे कुछ याद नहीं. एक बर्थडे पार्टी में गए सुबह देखा तो केक काटने के समय की फ़ोटो है जिसमें आप खड़े हैं लेकिन आपको याद ही नहीं केक कब कटा. या आप सुबह उठ कर भयंकर सिर दर्द से जूझते हुए ये याद करना चाहते हैं कि आपने खाना खाया था या नहीं? आप सोचते होंगे कि ये स्पेशल केस है किसी किसी के साथ होता है. कई लोगों को सारी चीजें याद होती हैं,वो कितनी भी पी लें. पर ऐसा नहीं है. एक सर्टेन अमाउंट के बाद सबको मेमरी लॉस के समस्या से जूझना पड़ता है. क्यों होता है ऐसा और लंबे समय मे इसके नुक़सान क्या हैं? सुनिए विस्तार से 'ज्ञान-ध्यान' के इस एपिसोड में.

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Listen and follow ज्ञान ध्यान