गीता में भगवान कृष्ण ने कहा है कि कर्म करो और फल की इच्छा मत करो. अब सवाल है कि कितना कर्म यानी काम किया जाए और कितनी देर काम किया जाए. इसके लिए हर कंपनी के अपने नियम है. अलग-अलग देशों के भी अपने-अपने नियम हैं. यूएन की संस्था इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन ने भी इसके लिए गाइडलाइंस तैयार की है. तो चलिए आज के ज्ञान ध्यान में हम जानते हैं कि दुनिया भर में पहली बार काम के घंटे कैसे तय हुए. और पहली बार कब काम के घंटे तय हुआ था और अब काम के घंटे बढ़ाने के मांग कितनी प्रैक्टिकल है?
प्रड्यूसर: अंकित द्विवेदी
साउंड मिक्स: नितिन रावत