शेक्सपियर साहब कह कर चले गए कि नाम में क्या रखा है लेकिन नाम के पीछे कितनी माथापच्ची होती है, उन्हें क्या पता! अभी इंडिया दैट इज़ भारत भी इस बहस के दायरे में आ खड़ा हुआ है. कोई देश अगर ये चाहता है कि उसे किसी और नाम से जाना जाए, तो उसकी क्या प्रक्रिया है. इस पूरी प्रक्रिया के स्टेक होल्डर्स कौन हैं, ख़र्चा कितना बैठता है और अक्सर कोई देश क्यों अपना नाम बदलता है, सुनिए गर्वित श्रीवास्तव से ज्ञान ध्यान में.
प्रोड्यूसर- कुंदन कुमार
साउंड मिक्स- कपिल देव सिंह
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