साल 2023 के सितंबर महीने में सर्विस चार्ज दें कि ना दें इस बहस को एक जवाब देते हुए दिल्ली की हाईकोर्ट ने कहा कि सर्विस चार्ज की जगह आप इस चार्ज को स्टाफ कॉन्ट्रिब्यूशन के नाम से लें. ये भी सुनिश्चित किया जाए कि ये कुल बिल का दस परसेंट से ज्यादा ना हो. कोर्ट का ये आदेश सरकार के सर्विस चार्ज के बैन के खिलाफ होटल असोसिएशन की याचिका पर आया था. लेकिन अब आपके मन में सवाल होगा कि होटल इसे मैंडेटरी कर सकते हैं या नहीं? सवाल ये भी कि ये सर्विस चार्ज का चलन शुरू क्यों हुआ? कितना लॉजिकल है इसे देना, इस पर कस्टमर और होटल्स-रेस्टोरेंट्स के अधिकार क्या हैं?सुनिए ‘ज्ञान-ध्यान’ के इस एपिसोड में.
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