चीन और ताइवान के बीच की तनातनी बहुत पुरानी है. जुलाई 2022 में ये तब और बढ़ गई जब नैंसी पेलोसी ने ताइवान का दौरा किया. चीन का कहना था कि ताइवान उनका आंतरिक मामला है. हालांकि ताइवान का दावा अलग है, वो खुद को अलग देश ही मानता है. बात हमले तक भी आ गई. चीन ने धमकी दी कि ताइवान को इसके बुरे परिणाम भुगतने होंगे. तो चीन का सामना करने के लिए ताइवान ने जो स्ट्रेटेजी अपनाई है उसकी बड़ी चर्चा है. इसे पॉर्कुपाइन स्ट्रैटेजी कहा जा रहा है. ताइवान की इस रणनीति के बारे में जानिए 'ज्ञान ध्यान' के इस एपिसोड में आर्यमन गौतम से.
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