ऑफिस में 9 से 8 घंटे की शिफ्ट के दौरान आपके साथ ऐसा कितनी बार होता है कि टाइप करते - करते, बॉस कुछ काम बताएं, और उस वक्त हां - हां बोलने के बाद, थोड़ी ही देर में आप भूल जाएं कि क्या काम बताया गया था. घर पर रहते हुए कितनी दफा ऐसा लगता है कि फ़्रिज से जो सामान लेना था, वो सामान क्या था, क्या खाने की क्रेविंग उठी थी और फ़्रिज तक पहुंचते ही अचानक से सब ब्लैंक कैसे हो गया. छोटी - छोटी चीजें भूलने की परेशानी अगर आपको भी होती है तो सुनिए 'हेलो डॉक्टर' पॉडकास्ट का ये एपिसोड चेतना काला और डॉक्टर देवेन्द्र बसेड़ा के साथ.
साउन्ड मिक्स: सचिन द्विवेदी