तीन ताल के 23वें एपिसोड में कमलेश ताऊ, पाणिनि बाबा और कुलदीप सरदार ने बात की है, इन विषयों पर:
- वसीम रिज़वी की उस अर्ज़ी पर बात जिसमें क़ुरआन की 26 आयतें हटाने की बात कही गई है. क्या धार्मिक सुधार का रास्ता धार्मिक किताबों की एडिटिंग से होकर निकल सकता है?
- संघ की केंद्रीय टीम में बदलाव से क्या इशारे मिलते हैं? आने वाले पांच-सात साल में संघ की रणनीति और कार्यशैली के संदर्भ में. नागपुर ढाबे का ज़िक्र, जिसकी कोई शाखा नहीं.
- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के बयान के बहाने; भारत में अमेरिकी राज के दौर की खोज, राशन के लिए 20 बच्चे पैदा करने की 'जागरूकता' और फटी जीन्स की हिस्ट्री और सोशियोलॉजी पर बात.
- 'सादा जीवन, उच्च बिज़ार' में आज की बिज़ार स्टोरी, जब विधानसभा के स्पीकर साहब को व्याकुल न होने के लिए कहा गया.
- होली किस तरह का त्योहार है? होली में केंचुल उतारने का क्या मतलब है? इस त्योहार में अशिष्टता में अश्लीलता का नमक- अगर नमक जितना हो तो- क्यों मुग्ध करता है?
- होली से जुड़ी कविताएं और शायरी. नज़ीर अकबराबादी से लेकर ‘ताऊ ओरिजिनल्स’ तक.
कि तुझे मैं संभाले रहूं
मुझे मय संभाले रहे
- होली के हुरियारों के गीत, जिसमें एक मामूली सी पंक्ति को भंग और पान के सहारे घंटों तलक गाया जा सकता था.
- रंग के त्योहार के ज़रूरी तत्व और मनाने के अनूठे तरीक़े. होली पर कौन से पकवान बनाए जाएं, कौन सा उबटन लगाया जाए और गीत कौन से सुने जाएं.
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