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6 दिसंबर को कहाँ थे, हंगामे के फ़ायदे और जैकेट की परिभाषा : तीन ताल Ep 60

6 दिसंबर को कहाँ थे, हंगामे के फ़ायदे और जैकेट की परिभाषा : तीन ताल Ep 60

तीन ताल के 60वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', पाणिनि ‘बाबा’ और कुलदीप ‘सरदार' से सुनिए:

-एजेंडा आजतक में बाबा और ताऊ ने क्या खाया, क्या छोड़ा. 6 दिसम्बर 1992 को बाबा और ताऊ कहाँ थे. बाबरी विध्वंस पर एक कमेंट्री.

-बिहार में शराब की खाली बोतल खोजते डीजीपी पर ताऊ ने किस शर्म की बात कही.

-पराग अग्रवाल के ट्विटर सीईओ होने पर गर्व होना चाहिए या नहीं. बाबा ने कौन सी दो चीज़ों को फ्रॉड बताया. ताऊ ने कौन सा गाना गुनगुनाया. 

- जैकेट, कोट और ब्लेज़र में फ़र्क़. टेक कम्पनियों के CEO टीशर्ट क्यों पहनते हैं?

-हंगामे की उपयोगिता. संसद में हँगामे का विश्वकर्मा कौन. क्या पहले संसद में हंगामा नहीं होता था. बाबा ने क्यों कहा संसद चलने के लिए नहीं होती.

-ताऊ क्यों हँगामे के समर्थक हैं और मौजूदा हँगामे से वे क्यों दुःखी. संसद के किन पुराने लोगों को सुनना चाहिए.

-संसद कार्यवाही के प्रसारण में आया बदलाव. ताऊ, बाबा और सरदार का मंतव्य कि उल्कापिंड कहाँ गिरना चाहिए. नासा पर सरदार को सूझा चुटकुला.

-और आख़िर में तीन तालियों की चिट्ठियों के बहाने दिसम्बर के अम्बर, उर्दू सीखने के टिप्स और 'त्यागी' सांसदों की पेंशन पर बतरस.

प्रड्यूसर ~ शुभम तिवारी
साउंड मिक्सिंग ~ अमृत रेगी

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