
• ताल सीजन 2 के 64वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', कुलदीप 'सरदार' और आसिफ़ 'खां चा', के साथ सुनिए :
- कोई 'हसीना' जब रूठ जाती है तो एक दो तीन....
- बांग्लादेश का पाकिस्तानीकरण और 'हसीना आपा' की मुश्किल
- काँख में बांग्लादेश और प्रोटेस्ट का घालमेल
- एक एनआर्की सौ बीमार्की और न्यूयॉर्क टाइम्स की नवैयत
- मंदिर में सनीमा, टकसाल में 'हम आपके हैं कौन'
- हम आपके हैं कौन में माधुरी दीक्षित की बैंगनी साड़ी और जनवासे फिल्में
- सौ ग्राम मजबूरी और 'फोकट' का मेडल
- पेरिस ओलंपिक में इंडिया का बैड लक
- यकीन का बटखरा और डांडी मारने की कला
- कबाड़ी वाले की टेर और गेहूं पिसाई में जरती
- आफत में तुलादान और यजमान का संकल्प-जाल
- धर्मकांटे का धर्मसंकट और गोबरौला का गोबर-रोल
- एंजेल फ्लाईस की कहावत और मोटापे का फायदा
- अन्न'हेल्दी शरीर और पेट में कृमि लेयर
- स्नान का घमंड और जूं की ज़्यूं की त त्यूं
- जूंओं का संगीत और जुओं का बहुवचन
- खटिया में खटमल और कीड़ा-मकोड़ा प्रतिनिधिमंडल की मांग
- सवाल: एक मच्छर आदमी को क्या-क्या बना सकता है?
- अंत में दिल के नियर, डियर तीन तालियों की चिट्ठियां
• प्रड्यूसर : अतुल तिवारी
• साउंड मिक्स : नितिन रावत

वाम का बाम, गॉड का घालमेल और वि.कु.शु का जादू : तीन ताल S2 136

अवैध नान, केरले'स कैब ड्राइवर और चाय पर चर्चिल : तीन ताल S2 135

प्रदूषण का 'प्र' पलायन का लॉयन और रेलवे की थाली : तीन ताल, S2 129

गॉसिप से क्रांति, फार्ट ऑफ लिविंग और कटियाबाज़ी का सुख : तीन ताल, S2 128