एक थ्रिलर नॉवेल लिखने वाला शख्स को अजनबी शहर में अचानक पता चलता है कि उसके कोई पुराने रिश्तेदार इसी शहर में रहते हैं. वो मिलना तो नहीं चाहता पर मां के बार-बार फोन आने पर उसे मिलने जाना पड़ता है. जब वो वहां पहुंचता है तो उसे एक 13-14 साल की बच्ची मिलती है जो उसे एक कमरे में बैठने के लिए कहती है. एक कमरा जिसका पीछे का दरवाज़ा जंगल की तरफ खुलता है. खूंटी पर लटकी एक पुरानी हैट और दीवार पर लगी एक बंदूक वाले उस डरावने कमरे में इंतज़ार करते वक्त उसके साथ क्या हुआ... जो वो ज़िंदगीभर नहीं भूल पाएगा. सुनिए जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.
साउंड मिक्सिंग: कपिल देव सिंह