मोहल्ले के झगड़े की आवाज़ सुनकर चचा नीचे आए तो देखा कि मजमा लगा है। बोले, "अरे भई क्या मामला हो गया" एक साहब ने कहा, "अरे कुछ नहीं, मामला सुलट गया है" चचा बोले, "मगर फिर भी, ग़लती किसकी थी, ज़्यादती किसने की, कुछ तो बताइये" बात उनको फिर बताई गयी और इसी बताने-बताने में गली में फिर से लाठी-डंडे चलने लगे। सुनिए इम्तियाज़ अली ताज की कहानी - चचा छक्कन स्टोरीबॉक्स में.