एक शख्स था जिसका एक दौर में बंबई में रौब था. ये रौब उस शख्स का था जिसने वेल्लूर से आकर बंबई शहर में अपना सिक्का जमाया, वो भी ऐसा कि पुलिस उसके इलाके में जाने से डरती थी. वो जिस गणपति पांडाल का ज़िम्मा उठाता वहां बड़े से बड़ा हीरो आकर नाचता. नाम ऐसा की बड़ी बड़ी मैग्ज़ीनों ने उसे कई दफा अपने कवर पेज में जगह दी. स्टाइल ऐसा की तमाम फिल्म मेकर्स ने उसकी जिंदगी पर फिल्म बनाई. यहां तक की अमिताभ बच्चन ने अग्निपथ में अपने डॉयलोग इसी डॉन से इंस्पायर होकर कहे. लेकिन एक आउटसाइडर कैसे बना बंबई का नामचीन गैंगस्टर? वो भी उस बंबई का जिसपर पहले से ही करीम लाला और हाजी मस्तान राज करते थे. आज के ‘नामी गिरामी’ में कहानी बंबई के कुख्यात गैंग्सटर वर्दाराजन मुदालियार उर्फ़ वरदा भाई की.
प्रड्यूसर: मानव देव रावत
साउंड मिक्स: सूरज सिंह
तिहाड़ में दसवीं पास करने वाले CM की कहानी!: नामी गिरामी, Ep 284