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जन्म से मिले जेंडर के साथ मिसफिट महसूस हो तो क्या करें?: पढ़ाकू नितिन, Ep 23

जन्म से मिले जेंडर के साथ मिसफिट महसूस हो तो क्या करें?: पढ़ाकू नितिन, Ep 23

गे-लेस्बियन्स के बारे में क्या जानते हैं आप? किसी ट्रांसजेंडर्स से कभी कोई बात की है? कभी कोई किन्नर दोस्त बना है आपका? अगर सभी बातों का जवाब निगेटिव है तो ये ‘पढ़ाकू नितिन’ पॉडकास्ट आपके लिए ही है. LGBTQ समुदाय हमेशा से हमारे आसपास रहा है लेकिन हम अजीब ढंग से अनजान बने रहते हैं. वजह है संकोच, पूर्वाग्रह, डर या उपेक्षा का भाव. इस बार नितिन ठाकुर की बैठकी ट्रांसजेंडर फीमेल रुद्राणी छेत्री के साथ जमी. रुद्राणी के खाते में संघर्ष से लेकर उपलब्धियों तक बहुत कुछ है. फिल्में, मॉडलिंग एजेंसी और मित्र ट्रस्ट उनमें से कुछ हैं. इस पॉडकास्ट में उनसे LGBTQ कम्युनिटी के बारे में ढेरों ढेर बातें हुई हैं और उन्होंने ये भी बताया कि कब उन्हें लगा कि अब लुकछिप कर काम नहीं चलेगा, बल्कि आगे बढ़कर कुछ करना होगा.

इस पॉडकास्ट में सुनिए:

- इतिहास में मज़बूत दिखनेवाले किन्नर मुख्यधारा से दूर कब हो गए?
- LGBTQI शब्द का मतलब क्या होता है?
- LGBTQ को लेकर समाज समझदार क्यों नहीं हुआ?
- किसी ट्रांसजेंडर के संघर्ष में क्या- क्या शामिल है?
- ‘थर्ड जेंडर’ शब्द खुद में क्यों पिछड़ा है?
- क्या आरक्षण से ट्रांसजेंडर्स को हक मिलेंगे?
- LGBTQ के लिए कितना हुआ, कितना बाकी है?
- जन्म से मिले जेंडर के साथ मिसफिट महसूस हो तो क्या करें?
- LGBTQ के लिए आप क्या कर सकते हैं?
- जिन्हें लगता है ये बीमारी है उनके लिए क्या जवाब है?

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Listen and follow पढ़ाकू नितिन